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हिन्दी हमारी पहचान और संस्कारों की धरोहर है: आरती बांसल

हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर बीएड कॉलेज में ‘साहित्य संचय’ कार्यक्रम का आयोजन


-हिन्दी हमारी पहचान और संस्कारों की धरोहर है: आरती बांसल
डबवाली
नगर की प्रमुख संस्था वरच्युस क्लब एवं भगवान श्री कृष्ण बीएड कॉलेज के साहित्यिक क्लब के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर ‘साहित्य संचय’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने हिन्दी भाषा के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए तथा कविताओं व गीतों के माध्यम से हिन्दी की गरिमा को उजागर किया।


कॉलेज प्राचार्या डॉ पूनम गुप्ता ने सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उपस्थित लोगों का स्वागत किया। इसके बाद कविता पाठ ,भाषण व गीत-संगीत प्रस्तुत किए गए। बाल मंदिर की छात्रा हिफाजत ने ऑपरेशन सिंदूर पर कविता प्रस्तुत की। एमपी कॉलेज की छात्रा दीपिका ने कविता सुना की हिंदी भाषा का महत्व समझाया। स्थानीय कलाकारों जसदीप और रसदीप ने मिलकर ‘है प्रीत जहां की रीत सदा’ गीत गा कर हिंदी के प्रति प्रेम प्रकट किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सीएमके कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर आरती बंसल ने विचार रखते हुए कहा कि हिन्दी हमारी पहचान और संस्कारों की धरोहर है, इसे आगे बढ़ाना हर भारतीय का कर्तव्य है। हिंदी हमारी जड़ों से जुड़ी हुई है, जब हम अपनी भाषा को छोड़ते हैं तब हम अपनी विरासत को खोने लगतेे हैं। क्योंकि हिंदी भाषा अपने आप में संस्कृति और इतिहास समेटे हुए हैं। हिन्दी भाषा के अस्तित्व को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि हमे अपनी राजभाषा का सम्मान करते हुए हिन्दी मे बातचीत करने में शर्म करने की बजाय गर्व महसूस करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्ष एमपी कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर अंजू बाला ने अपने संबोधन में कहा कि आधुनिकता के इस द्वौर में विश्व भर के विभिन्न भाषाओं को व्यक्ति सीख व बोल सकता हैं किन्तु हिंदी भाषा को अपने अंदर बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कॉलेज विद्यार्थियों को हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने और अपनी मातृभाषा पर गर्व करने का संदेश दिया। असिस्टेंट प्रोफेसर शन्नो आर्य ने हिंदी को भाव की भाषा ,साहित्य की भाषा एवं करुणा की भाषा कहा, जिस पर हम गौरवान्वित हो सकते हैं। उन्होंने हिंदी भाषा के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व पर प्रकाश डाला और हिन्दी को जन-जन की भाषा बनाने पर बल दिया।
वरच्युस क्लब के पीआरओ सोनू बजाज ने ‘भारत की आत्मा हिन्दी..Ó कविता सुना कर हिन्दी भाषा के प्रति सम्मान प्रकट कर अपने भाव प्रस्तुत किए। क्लब के चीफ कोऑर्डिनेटर, प्रसिद्ध एंकर संजीव शाद ने अपने चिर-परिचित अंदाज में हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला। मंच संचालन की भूमिका साहित्यिक क्लब प्रभारी डॉ . सुमन छाबड़ा ने निभाई। क्लब प्रबंधक समिति के सदस्य परमजीत कोचर ने सभी का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय में सुलेख लेखन, निबंध लेखन और नारा लेखन प्रतियोगिता करवाई गई जिसमें बी.एड प्रथम की छात्राओ ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। सुलेख लेखन मे वर्षा रानी ने प्रथम ,मनप्रीत कौर ने द्वितीय व रेखा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निबंध लेखन प्रतियोगिता में रेखा ने प्रथम, प्रभजोत कौर ने द्वितीय व कंचन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया,वही नारा लेखन प्रतियोगिता में वर्षा रानी ने प्रथम ,कंचन ने द्वितीय,प्रोमिला ने तृतीय व रेखा ने सतावना स्थान प्राप्त किया। सभी विजेता छात्राओं को वरच्युस क्लब द्वारा पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर डा. बीआर अंबेड़कर राजकीय कॉलेज के प्रिंसिपल डा. विक्रम बांसल, वरच्युस क्लब प्रधान हरदेव गोरखी, मनोज शर्मा, सुखविंदर चंदी, डॉ. निर्मल नागपल, महाविद्यालय में साहित्यिक क्लब सह प्रभारी डॉ. अंजू बाला व सरोज बाला, डॉ. कमलेश यादव, डॉ. स्मिता सेतिया, ममता गर्ग, संतोष गुप्ता व अनुषा सचदेवा सहित सभी स्टाफ़ सदस्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर अंजू बाला, व कॉलेज की छात्राएं उपस्थित रही।