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लंबे अर्से बाद डबवाली में सजी शास्त्रीय संगीत की महफिल ‘राग-रंग’, कलाकारों ने पेंटिंग्स बनाकर भी बिखेरी वसंत की छटा
-राजा राम स्कूल में बने 70 वर्ष पुराने मां सरस्वती के मंदिर में किया पूजन, पीले चावल बांटे
डबवाली
नगर की प्रमुख सामाजिक संस्था वरच्युस क्लब ने भारतीय कला संस्कृति के आधार शास्त्रीय संगीत की एक शानदार महफिल ‘राग-रंग’ राजा राम स्कूल के प्रांगण में सजाई। वसंत पंचमी के उपलक्ष्य में आयोजित इस भव्य समारोह में स्वर, साज और आवाज से दर्शकों को वसंत के आगमन का भावपूर्ण अहसास करवाया गया । साथ ही कलाकारों व बच्चों ने सुंदर पेंटिग्स बनाकर आधत्मिकता व प्रकृति की सुंदर छटा बिखेर कर वसंत ऋतु का स्वागत किया।
कार्यक्रम का आगाज करने से पहले राजा राम स्कूल के प्रांगण में करीब 70 वर्ष से स्थापित मां सरस्वती के मंदिर में विद्यालय प्रबधक समिति के अध्यक्ष सुनील गुप्ता व क्लब के चीफ कोडिनेटर संजीव शाद ने क्लब सदस्यों व स्कूल स्टाफ के साथ मिल कर विधि विधान सहित श्रद्धा भाव के साथ पूजन किया व पीले चावलों का प्रसाद उपस्थित कला साधकों व दर्शकों में वितरित किया गया। माता निर्मला देवी गुप्ता ने प्रबंधक कमेटी सचिव प्रदीप गुप्ता व प्रवीण गुप्ता के साथ ज्योति प्रज्वलित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। क्लब सचिव नरेश शर्मा ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों, गायकों, संगीतज्ञों व कला साधकों का स्वागत किया। स्कूल प्रिंसिपल चंदन अरोड़ा ने वसंत ऋतु के महत्व के बारे में बताया। साथ ही वीर हकीकत राय को याद करते हुए उन्हें भी नमन किया गया। नामधारी सतगुरु श्री राम सिंह जी के जन्म दिन पर भ ी बधाई दी गई।
इसके बाद स्थानों गायकों रसदीप व जसदीप ने मंच पर मां सरस्वती की आराधना करते हुए संगीत के इस समारोह का भक्तिमय आगाज किया। सिरसा से आए संगीतज्ञ डॉ विनोद कुमार ने जब सितार वादन करना शुरु किया तो समारोह में मौजूद कला प्रेमी मंत्र मुग्ध हो गए। डा. विनोद ने सितार पर तीन ताल में राग अहीर भैरव बजाया। वहीं, ललित ने तीन ताल में राग अहीर भैरव दरबारी में अपनी मधुर आवाज में गाकर सुनाया तो दर्शन तालियां बजाने को मजबूर हो गए। तबले पर उनका साथ सक्षम ने दिया। उन्होंने सुख के सब साथी, दुख में ना कोय…भजन भी सुनाकर दर्शकों को अपने साथ जोड़ लिया। वहीं, मोहनम ने जब बांसुरी वादन किया तो उपस्थित कला प्रेमी उसे सुनते ही रह गए। उनकी बांसुरी से जा सुर और संगीत की लहरियां उठी तो सीधे लोगों के दिलों तक पहुंची।
निताशा सेठी ने मधुवंती राग गा कर स्वर ताल व सरगम से दर्शकों को आसमान में उड़ते हुए पतंगों का अहसास करवाया। कशिश ने राग यमन पर आधारित प्रस्तुति दी तो दीपक व अरुण ने हारमोनियम व तबले से जुगलबंदी कर वाद्ययात्रों की ओर दर्शको का ध्यान खींचा। अंत में पंजाबी लोक गायक बलकरण बल ने जब अपनी बुलंद आवाज में गाना शुरु किया तो दर्शक झूम उठे। उन्होंने पंजाबी टप्पे, हीर व पंजाबी गीत-ऐ मिट्टी पंजाब दी ए… सुनाते हुए इस संगीतमय कार्यक्रम को अलग ही स्तर पर ले गए। उन्होंने राग भैरवी व शिरंजनी में अपनी प्रस्तुतियां दी। इस मौके पर प्रसिद्ध चित्रकार शिवम ने कार्यक्रम के दौरान ही कागज पर अलग-अलग रंगों से सुर संगीत से जुड़ी अति सुंदर पेंटिंग उकेर कर सबको अपनी उत्कृष्ट कला प्रतिभा से अवगत करवाया। अनेक बच्चों ने भी ब्रश व रंगों से अलग-अलग प्रकार की सुंदर पेंटिग्स बनाकर अपने भाव प्रस्तुत किए। स्थानीय कलाकर प्रेम द्वारा बनाई गई पेंटिग को भी खूब सराहना मिला। अतिथियों व कला प्रेमियों ने तालियां बजाकर बच्चों व बाहर से आए कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।
संबोधन में मुख्य अतिथि राजा राम स्कूल प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने कहा कि वसंत पंचती पर्व नवरचना, नव सृजन का उत्सव है और इस उत्सव को मनाने के लिए राजा राम स्कूल के प्रांगण का चयन किया जाना भी बिल्कुल सटीक चयन है। क्योंकि 70 वर्ष पहले जब बालिका शिक्षा की ओर ध्यान नहीं दिया जाता था तो उस समय हमारे पूर्वजों ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए यहां से डबवाली में बालिका शिक्षा का अध्याय शुरु किया। क्षेत्र में लड़कियों की शिक्षा की अलख जगाने के इस पुनीत कार्य के पीछे लाला राजा राम जी का त्याग व संघर्ष है। उन्होंने शानदार प्रस्तुतियों के लिए सभी गायकों व अन्य कलाकारों की खूब सराहना की। क्लब के चीफ कोआर्डिनेटर संजीव शाद ने कार्यक्रम का शानदार संचालन किया।
इस मौके पर वरच्युस क्लब की ओर से सभी कलाकारों व अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका सम्मान किया गया। राजा राम स्कूल की ओर से एक विशेष टोकन ऑफ लव देकर शानदार आयोजन के लिए वरच्युस क्लब का धन्यवाद किया गया। अंत में भारत भूषण वधवा ने सभी का धन्यवाद किया। मौके पर प्रधान हरदेव गोरखी, उपप्रधान जितेंद्र जीतू, क्लब प्रबंधक समिति सदस्य जितेंद्र शर्मा, तरसेम गर्ग, परमजीत कोचर, संतोष शर्मा, रिपुदमन शर्मा, मनोज शर्मा, सोनू बजाज, प्रवीण सिंगला, रमेश सेठी, इकओंकार नामधारी, वेद प्रकाश भारती, विजयंत शर्मा, महेंद्र बांसल, भारत मित्र छाबड़ा, डा. बीरचंद गुप्ता, डा. निर्मला नागपाल, लवलीन नागपाल, साहित्यकार सेवक सिंह, आशीष मैहता, मनीष गुप्ता, ऋषि मित्तल, कमलकांत, हैप्पी मोंगा व डबवाली क्षेत्र के अन्य कलाप्रेमी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
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