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समाज के हर व्यक्ति को खुद से जुड़ी लगती हैं स्व. हरचंद सिंह खुशदिल की रचनाएं: गोपाल सिंह

पंजाबी साहित्यकार रहे स्व. हरचंद सिंह खुशदिल की याद में ‘खुशदिल लम्हात’ कार्यक्रम का आयोजन

-वरच्युस क्लब एवं एलुमनाई एसोसिएशन गुरु नानक कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में  हुआ कार्यक्रम
डबवाली शहर के प्रसिद्ध पंजाबी साहित्यकार रहे स्व. हरचंद सिंह खुशदिल की याद में वरच्युस क्लब एवं एलुमनाई एसोसिएशन गुरु नानक कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में कॉलेज के सांस्कृतिक हॉल में ‘खुशदिल लम्हात’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें हरचंद सिंह खुशदिल की गजलों, गीतों, रुबाइयों, कविताओं, कहानियों पर चर्चा-परिचर्चा की गई व उनके द्वारा बनाई गई पेंटिग्स की प्रदर्शनी भी लगाई गई। साथ ही काव्य गोष्ठी में कार्यक्रमों में पहुंचे कवियों व साहित्यकारों ने हरचरण सिंह खुशदिल की रचनाएं सुनाकर उन्हें याद किया।

सबसे पहले गुरुनानक कॉलेज एनसीसी टुकड़ी व पंजाबी विभाग की छात्राओं ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रिटायर्ड एसडीएम गोपाल सिंह व कार्यक्रम अध्यक्ष रिटायर्ड सैशन जज जेएस खुशदिल का शानदार स्वागत व अभिनंदन किया। दोनों अतिथियों ने शाम रोशन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रो. अमित बहल ने अतिथियों व साहित्यकारों का परिचय दिया। वरच्युस क्लब के संस्थापक केशव शर्मा स्व. हरचंद सिंह खुशदिल के जीवन पर प्रकाश डाला व उनके साथ बिताए पलों को भी याद किया। उन्होंने बताया कि हरचंद सिंह खुशदिल हरफनमौला व्यक्तित्व के धनी थे। वे एक कवि, कहानीकार, एंकर, नाटककार, चित्रकार व जादूगर भी थे। उनकी कलाकृतियां युवा कलाकारों के लिए हमेशा प्रेरणादायक रहेंगी।
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कार्यक्रम में मेहमान साहित्यकार के तौर पर पहुंच रहे डा. दिलबाग सिंह विर्क, छिंद्र कौर सिरसा, सुखम मनजीत ने स्व. हरचंद सिंह खुशदिल की साहित्यिक रचनाओं रंगा ते शब्दा दा जादूगर, चांद की ओर, साडा लुटेया शहर भंबोर पर चर्चा व परिचर्चा कर उनके काव्य लेखन पहुलओं पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। स्थानीय गायक जसदीप सिंह ने होश कोई होश वाला लै गया, खाली-खाली सिर दा आला रह गया, रसदीप सिंह ने किसी को इस तरह से यूं सताया तो नहीं करते, वंदना वाणी ने बड़ी सोच दिल में उतारों तो चलो फिर व जदो मुश्किल च होनी हां, किताबां खोल लैनी आ..गाकर स्व. हरचंद सिंह खुशदिल को संगीतमय श्रद्धांजलि दी। कॉलेज की पंजाबी विभाग प्रभारी डा. खुशनसीब गुरबख्शीश कौर ने स्व. हरचंद सिंह खुशदिल की कविताएं व रचनाए सुनाकर कार्यक्रम को साहित्यिक मोड़ दिया।
इस अवसर पर संबोधन में मुख्य अतिथि गोपाल सिंह ने कहा कि स्व. हरचंद सिंह खुशदिल की बहुत सी साहित्यिक रचनाओं व कलाकृतियों में दर्द का एहसास इस कद्र है कि वो रचनाएं मन के भाव विभोर कर देती हैं। लेकिन उन्होंने अपना नाम खुशदिल ही रखा, इससे रचनाएं लिखते समय उनके मन में होने वाले भावपूर्ण संघर्ष को समझा जा सकता है। समाज के हर व्यक्ति को उनकी रचनाएं खुद से जुड़ी ही लगती हैं। त्रिवेणी शहर डबवाली में खुशदिल की याद में इस स्तर के कार्यक्रम का आयोजन करना इस शहर के लोगों की बड़ी अदबी व साहित्य से जुड़ी सोच को प्रदिर्शत करता है।
कार्यक्रम अध्यक्ष जेएस खुशदिल ने कहा कि वे स्व. हरचंद सिंह खुशदिल के परिवार में से हैं लेकिन उन्हें वे अपना गुरु भी मानते हैं। स्व. हरचंद सिंह की रचनाओं को एक-एक कर जुटाना, उन्हें संभालना व फिर उनका किताब में रूप में प्रकाशित करना कठिन कार्य जरुर था लेकिन साथ ही उन्हें इस बात का गर्व भी महसूस करवा रहा था कि वे एक महान शख्सियत की कला यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं।
एलुमनाई एसोसिएशन नीरज जिंदल ने कहा कि गुरु नानक कॉलेज में आयोजित खुशदिल लम्हात कार्यक्रम से कॉलेज के विद्यार्थियों को भी स्व. हरचंद सिंह खुशदिल के साहित्य से बडी प्रेरणा मिलेगी। एसोसिएशन सचिव सीए मनोहर लाल ग्रोवर ने सातवीं एजीएम में संघ के वैधानिक स्वरूप व एजेंडा का सभी के सम्मुख रखा व गत वर्ष की फाइनेंशियल ऑडिट रिपोर्ट पेश की। एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य सुरजीत सिंह बरजोत ने स्व. हरचंद सिंह खुशदिल के साथ बिताए समय को याद करते हुए उनके जीवन से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि खुशदिल की कलात्मक नजर ने विभिन्न सामाजिक बुराइयों को अपनी कलम से उजागर किया।
इस अवसर पर नामधारी समाज की ओर से  सतनाम सिंह नामधारी, इक ओंकार नामधारी, गुरप्रीत, भगत सिंह के अलावा फतेह सिंह आजाद, गिरधारी गुप्ता एवं अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की ओर से सुरेंद्र सिंगला व तरसेम गर्ग ने जेएस खुशदिल को सम्मानित किया। एक सूत्रधार के रूप में पूरे कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन प्रसिद्ध रंगकर्मी संजीव शाद ने अपने चिरपरिचित अंदाज में किया। अंत में प्रधान हरदेव गोरखी व परमजीत कोचर ने  सभी का धन्यवाद किया।
कार्यक्रम में प्रवीण सिंगला, नसीब गार्गी, सौरभ गर्ग, भूपेंद्र सूर्या, जगसीर सिंह, सुरेंद्र बांसल, सुखवंत सिंह चीमा, जयमुनि गोयल, सुरेंद्र सिंह औलख, पवन भूतना, हरप्रीत सिंह, निर्मल कंडा, नवीन नागपाल, मनोज शर्मा, भारत भूषण वधवा, जितेंद्र जीतू, नरेश शर्मा, सत्यप्रकाश यादव, मनीष गुप्ता, शशिकांत शर्मा, सुरेंद्र मित्तल, सुभाष अरोड़ा,  सुरेंद्र जस्सल, सुभाष गुप्ता एडवोकेट, संतोष शर्मा, रिपुदमन शर्मा, ज्ञानी ज्ञान सिंह, डा. सीमा जिंदल, प्रिंस, जसिका, पायल, गलेक्सी गुप्ता, आशीष बाघला, मनप्रीत कौर, मनप्रीत कौर संधु, सुखदीप कौर, अक्षिता, जसप्रीत सिंह ,दविंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में अन्य लोग, वरच्युस क्लब व एलुमनाई के सभी सदस्य एवं कॉलेज के विद्यार्थी मौजूद रहे।